"अभ्यास में जितना अधिक पसीना बहाओगे, युद्ध में उतना ही खून कम बहेगा"
आजकल प्रतियोगता वाले युग में पढाई करना और अच्छे अंको से पास होना किसी लड़ाई से कम नहीं है। बहुत ही सरल सी बात है कि अगर आपको ये लड़ाई जीतनी है तो इसके लिए पहले से योजना बनाना और उसके अनुरूप ही तैयारी करने की आवश्यकता है।
किसी भी परीक्षा की तैयारी करने और उसमें सफल होने के लिए नीचे कुछ टिप्स दिए गए है।
नियमित अध्ययन करे :
यदि आप वास्तव में सफल होना चाहते हैं तो इसके लिए आपको नियमित अध्ययन करना होगा। आज के अध्ययन को कल पर डालने की आदत का त्याग करना होगा। अगर आप नियमित अध्ययन की आदत डाल लेते हैं तो आपको परीक्षा के समय अधिक दबाव महसूस नहीं होगा जिससे आपकी परीक्षा की तैयारी प्रभावपूर्ण तरीके से होती रहेगी।
अध्ययन के दौरान एकाग्रता बनाए रखें:
पढ़ाई करते समय एकाग्रता बनाए रखने की बहुत अधिक आवश्यकता होती है क्योंकि अगर आप पढ़ाई कर रहे हैं और आपका ध्यान किसी और के विषय में है तो आप उस समय जो पढ़ रहे हैं वह आपके माइंड में स्टोर नहीं होता है जो थोड़े समय में मिट जाता हैं इसीलिए अध्ययन के दौरान एकाग्रता बनाए रखना बहुत अधिक आवश्यक होता है। अगर इस प्रकार से पढ़ाई की गई थी उसका कोई लाभ नहीं होता है इसका परिणाम अत्यंत घातक होता है इसलिए जब भी आप पढ़ने बैठे तो आप अपनी एकाग्रता के साथ पढ़ाई करें क्योंकि एकाग्रता के साथ अध्ययन किया गया कभी भूलता नहीं लंबे समय तक हमारे मस्तिष्क में स्टोर रहता है।
पढ़ाई का दैनिक टाइम टेबल बनाएं :
पढ़ाई करने के लिए एक टाइम टेबल बनाए जिसमे जो विषय आपको कठिन लगता है उस विषय में ज्यादा समय दें और जो विषय आपको आसान लगता है उस विषय थोड़ा कम समय दें लेकिन टाइम टेबल मे सभी विषयों के लिए समय निर्धारित करना चाहिए । आप कभी यह मत सोचना कि मुझे इस विषय में कोई समस्या नहीं है मुझे इस विषय को अपने टाइम टेबल में शामिल नहीं करना है ऐसा करने पर आपको सब्जेक्ट के बारे में जो पहले से ज्ञान अर्जित किए हैं वह धीरे-धीरे भूल जाएंगे इसलिए आप सारे सब्जेक्ट को अपने टाइम टेबल में शामिल करना, चाहे उसके लिए थोड़ा ही समय दें लेकिन नियमित निर्धारित समय पर अध्ययन जरूर करें। क्योंकि किसी भी सब्जेक्ट को अगर बार-बार रिपीट किया जाता है तो कभी भूलता नहीं।
छोटे-छोटे भागों में पढ़ाई करें:
अगर हम किसी चैप्टर को छोटे-छोटे भागों में डिवाइड कर पढ़ते हैं तो वह हमारे लिए आसान होता है क्योंकि जब कोई चीज हमें छोटी लगती है तो वह हमारा माइंड उसे बहुत जल्दी अपने अंदर स्टोर कर लेता है।
अपना लक्ष्य निर्धारित करें:
पढ़ाई करने से पहले आपको अपना लक्ष्य निर्धारित करना होगा क्योंकि बिना लक्ष्य के पढ़ाई करने से कोई सफलता प्राप्त होने वाली नहीं है इसलिए जब भी आप पढ़ने बैठे तो आप एक लक्ष्य बनाकर बैठे और उसी पर फोकस करें। लक्ष्य से यह मतलब है कि मुझे आज इतना पाठ है,और हर विषय में कितना समय देना है आदि विषयों के बारे लक्ष्य निर्धारित करे।
अध्ययन के लिए उपयुक्त समय निर्धारित करे:
आप जब भी अपने आप को ऊर्जावान महसूस करे तभी अध्ययन करने के लिए बैठे क्योंकि जबरदस्ती पढ़ाई नहीं किया जा सकता और न ही किसी के दबाव में इसलिए जब भी आपको लगे कि मुझे सुबह या शाम में पढ़ने पर याद रहता है वही समय चुने।
किसी से सहायता लेने में संकोच न करें:
विद्यार्थी को किसी न किसी समय मदद की आवश्यकता अवश्य पड़ती है यदि आप किसी विषय में मदद लेने या प्रश्न को पूछने में संकोच करेंगे तो आप अपनी शंका का समाधान नहीं प्राप्त कर पाएंगे इसलिए हमारे अध्यापक और माता-पिता,मित्र हमारी सहायता करने की इछुक रहते हैं। याद रखें "ऐसा विद्यार्थी जो प्रश्न पूछता है वह थोड़े समय के लिए ही मूर्ख रहता है लेकिन जो प्रश्न नहीं पूछता वो पूरी जिदंगी भर के लिए मूर्ख रह जाता है
पढ़ाई के बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लें:
कभी भी लगातार लम्बे समय तक नहीं पढ़ना चाहिए जब भी पढ़ाई करने के दौरान अगर आपको बोरियत महसूस हो या पढ़ने में मन न लगे तो छोटा सा ब्रेक ले ले। आमतौर पर 1 या 1.5 घण्टे से ज्यादा लगातार पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। क्योंकि लगातार 1 घंटे तक पढ़ाई करने पर 10 से 15 मिनट की एक ऐसी अवस्था आती है जिसमे हमें पढ़ने पर हम भूलने लगते हैं। अवस्था 45 मिनट के बाद होता है इस समय 10 से 5 मिनट आपने मित्रों से फोन पर बात कर सकते है या गाना सुन सकते है आदि अच्छा महसूस करने के लिए।
अपने आप को स्वस्थ रखें:
पढ़ाई पर ध्यान देने के साथ-साथ यह भी है कि आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें क्योंकि सही स्वास्थ्य होने पर ही आप सही रूप से पढ़ाई में ध्यान दे पाएंगे अन्यथा नहीं, स्वास्थ्य ठीक नहीं होने पर पढ़ाई नहीं कर सकते हैं इसलिए स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे। स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए सुबह-सुबह सैर करना चाहिए ऐसा करने से आप दिन भर ऊर्जावान रहेगे। आप अपने भोजन का भी ध्यान रखे बाहर के जंक फूट न खाए क्योंकि ऐसे भारी भोज्य पदार्थ से शरीर में आलस्य होता है जो पढ़ाई में बाधा उत्पन्न करता है।
अध्ययन समूह का निर्माण करें:
सामूहिक अध्ययन (Group Study) से पढ़ाई करने से हम अपनी शंकाओं को आपस मे डिस्कस से दूर कर सकते है लेकिन सारा ध्यान पढ़ाई पर ही होनी चाहिए अन्यथा हानि प्राप्त होगा ।
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